21/11/2024

मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है – क्या है वैज्ञानिक कारण

मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha

मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है 

मंदिर के के बाहर एक विशेष धातू के मिश्रण से बनी घंटी लगी होती हैं। ये घंटी इस तरीके से लगी होती हैं कि श्रद्धालु ठीक इसके नीचे खड़े होकर घंटी को बजाता है। घंटी के बीच का हिलने वाला गोला ठीक बजाने वाले के मस्तिष्क के ऊपर बिचो बीच होना बहुत ज़रूरी है इस घंटी से निकलने वाली ध्वनि हमारे मस्तिष्क की बाईं और दाईं तरफ से एकरूपता बनाती है।

घंटी की सात सेकंड तक की टन्कार हमारे शरीर के सातों आरोग्य केंद्रों को क्रियाशील कर देती है । जब हमारा ध्यान मंदिर की घंटी की कम होती ध्वनि पर केन्द्रित होता है, तो हमारा मन सभी संसारिक विषमताओ से हटकर प्रभु के चरणों मे अर्पित हो जाता है। मंदिर से बाहर आते समय हम घंटी बजा कर फिर से संसारिक जिम्मेवारियो मे वापस आ जाते है।

मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha
मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha

घंटी से बीमारियां भी ठीक होती है 

आरती मे बजाये जाने वाली छोटी घंटी की विशेष प्रतिध्वनि से हमारी पित्त भी सन्तुलित होती है। शायद इसी कारण की वजह से गऊमाता के गले मे भी घंटी बाँधी जाती है क्योंकि ये सर्वमान्य है गाय मे पित्त ज्यादा होती है! और यही कारण है की इसी प्रकार आरती के बाद शंख बजाया जाता जो की श्रद्धालुओ के लिए बहुत सुखदायी और स्वास्थ्यवर्धक होता है।


READ MORE Vastu Tips For Bathroom – कहीं आपका बाथरूम भी तो ऐसा नहीं ?


मंदिर की घंटी का वैज्ञानिक कारण –

मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है  इसके पीछे भी न सिर्फ धार्मिक कारण है, बल्कि वैज्ञानिक भी इनकी आवाज को आधार देते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाती है। इस कंपन का फायदा यह होता है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और अति सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण भी शुद्ध हो जाता है। अत: जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध व पवित्र बना रहता है। इससे नकारात्मक शक्तियां भी हटती हैं, और नकारात्मक शक्ति हटने से समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं।

मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha
मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha

पुराणों के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से हमारे कई पाप नष्ट हो जाते हैं जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद आवाज) था, वहीं स्वर घंटी की आवाज से निकलती है।

यही आवाज ओंकार के उच्चारण से भी जाग्रत होता है घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है धर्म शास्त्रियों के अनुसार जब प्रलय काल आएगा तब भी इसी प्रकार का नाद प्रकट होगा। स्कंद पुराण के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से मानव के सौ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।


READ MORE – Ram Mandir Ayodhya से जुड़े हर सवाल का जवाब – Ram Mandir News


मंदिरों में घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण भी है। अधिक भीड़ के समय भक्तों को संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जब घंटी बजाई जाती है तो उससे वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन की सीमा में आने वाले जीवाणु, विषाणु आदि सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं तथा मंदिर का तथा उसके आस-पास का वातावरण शुद्ध बना रहता है।

मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha
मंदिर में घंटी क्यों बजानी चाहिए khabar chauraha

हिंदू मंदिर की घंटियों के पीछे का विज्ञान

अधिकांश पुराने मंदिरों में प्रवेश द्वार पर बड़ी घंटियाँ होती हैं और आपको मंदिर में प्रवेश करने से पहले उन्हें बजाना पड़ता है। मंदिर की घंटियों में एक वैज्ञानिक घटना है, यह कोई साधारण धातु नहीं है। यह कैडमियम, सीसा, तांबा, जस्ता, निकल, क्रोमियम और मैंगनीज सहित विभिन्न धातुओं से बना है।  उनमें से प्रत्येक जिस अनुपात में मिश्रित हुआ वह घंटी के पीछे का वास्तविक विज्ञान है। इनमें से प्रत्येक घंटी ऐसी विशिष्ट ध्वनि उत्पन्न करने के लिए बनाई गई है कि यह आपके बाएं और दाएं मस्तिष्क की एकता पैदा कर सकती है।  जैसे ही आप उस घंटी को बजाते हैं, घंटी एक तेज़ लेकिन स्थायी ध्वनि उत्पन्न करती है जो प्रतिध्वनि मोड में कम से कम सात सेकंड तक रहती है जो आपके शरीर के सात उपचार केंद्रों या चक्रों को छूने के लिए पर्याप्त है। जिस क्षण घंटी बजती है, आपका मस्तिष्क सभी विचारों से खाली हो जाता है। निश्चित रूप से आप उस स्थिति में प्रवेश करेंगे जहां आप बहुत ग्रहणशील हैं। यह ट्रांस अवस्था जागरूकता वाली है। आपका मन इतना व्यस्त है कि आपको जगाने का एकमात्र तरीका झटका है। वो घंटी आपके दिमाग के लिए एंटी-डोट की तरह काम करती है। मंदिर में प्रवेश करने से ठीक पहले ‘आपको जगाना और जागरूकता के स्वाद के लिए तैयार करना’ ही मंदिर की घंटियाँ बजाने की परंपरा के पीछे का असली कारण है।

 

Tags

Facebook
WhatsApp
Telegram
LinkedIn
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments