गोल्ड लोन: ज़रूरत पढ़ने पर एक ऑप्शन
Benefits of Taking Gold Loan – कोई एमर्जेन्सी या पैसो की ज़रूरत पड़ने पर पैसो का कर्ज लेना एक सामान्य बात है। मौजूदा समय में पर्सनल लोन और गोल्ड लोन जैसे कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें से गोल्ड लोन आजकल खासा लोकप्रिय हो रहा है। इसका कारण है सोने की कीमतों में बढ़ोतरी और इसकी हाई डिमांड, जिससे गोल्ड लोन एक आकर्षक विकल्प बन गया है। इस लोन के जरिए आप अपने कीमती सोने को बेचे बिना तुरंत पैसे प्राप्त कर सकते हैं, जो कि अल्पकालिक लिक्विडिटी के लिए बेहद लाभकारी है। लेकिन यहाँ गोल्ड लोन लेने से पहले कुछ बातें भी आपको ध्यान रखनी चाहिए।
गोल्ड लोन लेने से पहले ये बातें ज़रूर पढ़ें
गोल्ड लोन लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। इनमें सबसे पहले आती है ब्याज दर, जो कि लोन की कुल लागत को प्रभावित करती है। इसके अलावा लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके सोने की कीमत के मुकाबले आपको मिलने वाली लोन राशि को दर्शाता है। प्रोसेसिंग फीस और लोन चुकाने की शर्तों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इन सबसे बढ़कर सबसे महत्वपूर्ण बात है आपके सोने की सुरक्षा। इसलिए, आपको ऐसे लेंडर को चुनना चाहिए जो सुरक्षित स्टोरेज, लॉकर फैसिलिटी, या इंश्योर्ड वॉल्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करता हो। इससे आपके गिरवी रखे गए सोने की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और आप निश्चिंत होकर लोन ले सकते हैं।
पर्सनल लोन और गोल्ड लोन में अंतर
पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन प्राप्त करना अपेक्षाकृत आसान होता है। पर्सनल लोन के लिए आपके क्रेडिट स्कोर, इनकम, और अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करना जरूरी होता है। इसके विपरीत, गोल्ड लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें आपका सोना गिरवी रखा जाता है, जिससे लोन देने वाले का वित्तीय जोखिम कम हो जाता है। Benefits of Taking Gold Loan
पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन की ब्याज दर भी कम होती है। पर्सनल लोन में जहां ब्याज दरें अधिक होती हैं, वहीं गोल्ड लोन में यह दरें अपेक्षाकृत कम होती हैं, जिससे यह लोन लेने वाले के लिए एक किफायती विकल्प बनता है।
गोल्ड लोन की प्रोसेसिंग और अवधि
गोल्ड लोन की प्रोसेसिंग में कम समय लगता है और इसमें बहुत कम कागजी कार्यवाही की जरूरत होती है। इस कारण से इसे तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
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वैसे तो गोल्ड लोन का पीरियड 3 महीने से 24 महीने का होता सकता हैं, लेकिन ये पीरियड लोन देने वाली संस्था पर डिपेंड करता है। उदाहरण के लिए, HDFC बैंक 3 महीने से 2 साल तक के लिए गोल्ड लोन प्रदान करता है, जबकि SBI 3 साल तक की अवधि का लोन देता है। मुथूट और मनापुरम जैसी कंपनियां अधिक लंबी अवधि के लिए भी लोन प्रदान करती हैं।
गोल्ड लोन की अधिकतम राशि
गोल्ड लोन की राशि सोने की मूल्यांकन के आधार पर तय होती है। अधिकतम आपको सोने की कीमत के 90% तक का लोन मिल सकता है। उदाहरण के लिए, SBI 50 लाख रुपए तक का गोल्ड लोन प्रदान करता है, जबकि न्यूनतम 1500 रुपए तक का लोन भी मिलता है। चूंकि यह कंपनियां केवल गोल्ड लोन में विशेषज्ञ होती हैं, इसलिए अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं होती।
गोल्ड लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
गोल्ड लोन प्राप्त करने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, और 2 पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। इसके अलावा, पते का प्रमाण भी देना आवश्यक होता है। SBI की वेबसाइट के अनुसार, ये दस्तावेज़ जमा करने पर आपको आसानी से गोल्ड लोन मिल सकता है।
क्रेडिट स्कोर और गोल्ड लोन
चूंकि गोल्ड लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए इसमें आपका क्रेडिट स्कोर मायने नहीं रखता। इसका मतलब है कि यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तब भी आप आसानी से गोल्ड लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन की ब्याज दरें भी कम होती हैं।
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लोन चुकाने के विकल्प
गोल्ड लोन की रकम और ब्याज चुकाने के लिए बैंक और NBFC कई विकल्प प्रदान करते हैं। आप समान मासिक किस्तों (EMI) के जरिए भुगतान कर सकते हैं या एकमुश्त मूलधन के साथ ब्याज का भुगतान कर सकते हैं, जिसे बुलेट रीपेमेंट कहा जाता है। इसमें बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं, और आप मूलधन का भुगतान अंत में कर सकते हैं।
लोन न चुकाने की स्थिति में
यदि आप समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं, तो कर्जदाता आपके गिरवी रखे सोने को बेचने का अधिकार रखता है। इसके अलावा, अगर सोने की कीमत में गिरावट आती है, तो कर्जदाता आपसे अतिरिक्त सोना गिरवी रखने के लिए भी कह सकता है।
गोल्ड लोन लेना तभी सही है जब आपको अल्पकालिक पैसों की जरूरत हो। घर खरीदने जैसे बड़े खर्चों के लिए इसे उपयोग में लाना उचित नहीं होगा।