जम्मू कश्मीर जहन्नुम में जाये – Farooq Abdullah
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से जब अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को “भाड़ में जाना चाहिए।”
“जम्मू-कश्मीर को भाड़ में जाने दो… उन्होंने लोगों को धोखा दिया। वे लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। अगर आप लोगों को दूर धकेलने के लिए ऐसी चीजें करेंगे तो आप इसे कैसे जीतेंगे?” श्री अब्दुल्ला ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में कही.
अब्दुल्ला का ये बयान सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 के फैसले के बाद आया।
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क्या पता 200 साल में 370 वापस आ जाये
भारतीय संसद के बहार एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में फारुख अब्दुल ने कहा कि “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन ये वही सुप्रीम कोर्ट था, उसके तीन जज थे, जिसने अनुच्छेद 370 को स्थायी माना था. अब क्या हुआ? कौन जानता है कि आने वाले भविष्य में क्या होगा? हम किसी दिन फिर अदालत जाएंगे. फिर हम देखेंगे कि कोर्ट क्या निर्णय लेता है,”
अब्दुल्ला ने आगे ये भी कहा, ” कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में 70 साल लग गए। कौन जानता है कि यह अगले 200 वर्षों में वापस आ सकता है।”
जम्मू कश्मीर का इतिहास
आज़ादी के बाद से ही कश्मीर का मुद्दा हमेशा सुलगता रहा है, आपको बात दें कि जम्मू कश्मीर का इतिहास क्या रहा है
1 – जम्मू कश्मीर एक रियासत थी, जो 1846 से 1947 तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज के नियंत्रण में थी.
2 – जब सरदार वल्ल्भ भाई पटेल देश की रियासतों को एक करने में व्यस्त थे, जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के राजनीतिक विभाजन के दौरान भारत में शामिल होने का निर्णय टाल दिया।
3 – उस वक़्त के भारत के प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मोहम्मद अली जिन्नाह से कश्मीर विवाद जनमत संग्रह से सुलझाने की पेशकश की जिससे जिन्नाह ने हाथो हाथ ठुकरा दी। जिन्नाह को ऐसा भरोसा था कि वो कश्मीर को अपने सैन्य बल से हथिया लेंगे।
4 – 1947 की 26 अक्टूबर को महाराजा हरी सिंह ने औपचारिक रूप से 1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सैन्य समर्थन के बदले में विलय की संधि पर हस्ताक्षर कर दिए थे और भारत में प्रवेश किया।
5 – इस तरह जम्मू कश्मीर भारत का अंग तो बना लेकिन अनुच्छेद 370 लागु करके जम्मू और कश्मीर राज्य को विशिष्ट दर्जा दिया, एक अलग संविधान, एक राज्य ध्वज और प्रशासनिक अधिकार प्रदान किया ।
अब वर्तमान ने भाजपा की मोदी सरकार आने के बाद अनुच्छेद 370 संविधान से हटा दिया था