21/11/2024

How To Develop Life Skills in Children – क्या आपके बच्चे में लाइफ स्किल है ?

How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha

बच्चों में लाइफ स्किल्स कैसे डेवेलप करें 

How To Develop Life Skills in Children- किसी भी छोटे बालक का जैसे जरूरी होता है कि वह कोई फॉर्मल शिक्षा ले, वह स्कूल जाए, पढ़ना लिखना सीखे, मैनर्स सीखे, समाज के अनुरूप अपने आपको ढाल ले। ठीक उतना ही ज़रूरी होता है किसी भी बच्चे का लाइफ स्किल्स सीखना, ऐसे काम जो अमूमन कमतर आंके जाते हैं, लेकिन बतौर मनुष्य सामाजिक जीवन में जिनका सबसे बड़ा हिस्सा है, जो उम्र भर – हर समय काम आते हैं।
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
छोटी छोटी बातो में छुपी है Life Skills 
अच्छी और खुशहाल जिंदगी जीने के लिए इन लाइफ स्किल्स का होना बहुत ज़रूरी है। सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे में लाइफ स्किल्स हो, उनके बच्चे ज़िम्मेदार नागरिक बनने के साथ साथ अच्छे से अपना जीवन काटे। छोटे बच्चों के साथ हम छोटे छोटे बदलाव करके उनकी लाइफ स्किल्स, समस्या से निकलने की प्रवृति यानी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स को बढ़ा सकते हैं।
मसलन जब भी बच्चों को फल खाने को दें, उससे पहले उन्हें उसे छीलने का टास्क उन्हें ही दें, इससे उनका खाने के साथ रिश्ता भी  बनेगा, और साथ ही उनकी छोटी छोटी लाइफ स्किल्स में अच्छा सुधार आएगा। आप सब्ज़ी बना रहे हैं, उन्हें उम्र के हिसाब से लहसुन छीलने, या सब्ज़ी काटने का काम दे सकते हैं।
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
बैकयार्ड में सब्ज़ी लगी है तो उन्हें खुद तोड़ने और साफ करने को कह सकते हैं। सर्दियों में हरी सब्जियों को साफ करना, मटर छिलने आदि बड़ी मेहनत का टास्क है, उसमे आप अपने बच्चे को लगाए, उसका सेंसरी डेवलपमेंट होगा, खाने से रिश्ता बनेगा, कॉन्फिडेंस आएगा, लाइफ स्किल्स मिलेंगी। इसे किसी भी उम्र के बच्चे कर सकते हैं और नुकसान कुछ नहीं, सिवाय समय ज्यादा लग सकता है, या घर थोड़ा गंदा हो सकता है।
————————————————————————————————————
————————————————————————————————————
इसी तरह बाजार से लाई सब्जियों को धोने का काम, जूतों के पोलिश का काम, घर की डस्टिंग का काम, आदि आदि करते समय उनकी मदद लें। कपड़े तह करते समय, सुखाते समय, वाशिंग मशीन लोड करते समय, गाड़ी साफ करते समय यहां तक कि बाहर बाज़ार जाते समय उन्हें पैसे देकर शुरू से ही सामान खरीदना सीखाना भी बेहद ज़रूरी है।
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha

Parents का ये सोचना गलत है कि…

जितना जल्दी आप बच्चों से खुश होकर मदद लेना शुरू करेंगें, उतना ही जल्दी बच्चा प्रो होता जाएगा, और धीरे धीरे यह उसका स्वभाव हो जाएगा घर के मेनस्ट्रीम कामों में बिना कहे हाथ बटाने का।
कुछ अभिभावकों को लगता है कि क्यूं बच्चे से करवाए काम, अभी तो हम हैं। बात आपकी अवलेबिलिटी की नहीं है, बात न गरीबी अमीर की है, बात यहां बच्चो को तैयार करने की है, और बतौर अभिभावक यह आपका का कर्तव्य है।
—————————————————————————————————————–
—————————————————————————————————————–
अगर आपको लगता है कि पेड़ -पौधे लगाना, उन्हें पालना, फिर फल- सब्जी के  कच्चे पक्के में फर्क करना, खुद से ऑर्गेनिक सब्ज़ी -फल तोड़ना कर खा लेना, उनकी वैरायटी की समझ होना ये सब केवल बचपन की मौज है तो आप सही नहीं हैं, बचपन की मौज तो है ही लेकिन इसके साथ ही यह उसे जीवन के लिए तैयार कर रही है।
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha
How To Develop Life Skills in Children khabar chauraha

Life Skills मैनेजमेंट का हिस्सा   

प्रकृति के करीब इन प्रैक्टिकल चीज़ों से इस उम्र में न्यूरॉन्स की कनेक्टिविटी अच्छे से हो पाती है, मतलब ये ही कि वायरिंग ‘efficient’ और ‘effective होती है। Efficient और effective दो शब्द मैनेजमेंट विषय के प्रिय शब्द हैं।
स्कूल कॉलेज अपने प्रांगण में , खासकर pre-primary स्कूल अपने प्रांगण में बजाय ऑर्नेमेंटल पौधों के इसी तरह फल और सब्जियों के ही पौधे लगाने चाहिए। इन सबका किसानी से कोई लेना देना नहीं, ये बेसिक लाइफ स्किल है।
नब्बे के दशक में बच्चे पौधे की पत्तियां सूंघ कर या चख कर बता दिया करते थे कि कौनसे पौधे की है, इतना ट्रायल एरर करने का हक सभी बच्चों का होना चाहिए। ये फाइन मोटर स्किल्स को मजबूत करता है, जिसका फायदा है हैंड – आई कोऑर्डिनेशन को बेहतर बनाने में भी होता है। ज्यादा समस्या इसलिए भी है  कि आज के बच्चे, खासकर हमारे शहरों में रहने वाले बच्चे इससे परे हैं।
 ये बात शायद आज से दस साल बाद समझानी न पड़े, क्योंकि तब तक सबको दिखने लगेगा, कि हमारी आने वाली भारतीय पीढ़ी टेक्निकल स्किल की वजह से नहीं बेसिक लाइफ स्किल की स्कार्सिटी की वजह से पिछड़ेगी।

Conclusion 

हमें आदत नहीं है बैलेंस की, हमारा स्वभाव है कि जो ट्रेंड आए उसके पीछे आंख बंद करके भागने लगें। अब हमने बहुत ही बेसिक, जीवन जीने के सर्वाधिक ज़रूरी लाइफ स्किल्स को बच्चो की लाइफ स्टाइल से निकल फेंका है, क्योंकि हमें लगता है सारा पाठ स्कूल में पढ़ा दिया जाएगा, स्कूल अच्छा चुनने भर से हमारी जिम्मेदारी का निर्वहन हो जाएगा।
जबकि लाइफ स्किल्स बच्चे को पारिवारिक माहौल, अभिभावक, दादा दादी, पड़ौस, दोस्त साथी ही बेहतरी से दे सकते हैं।

Tags

Facebook
WhatsApp
Telegram
LinkedIn
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments