फास्टैग और ई-वॉलेट से पेमेंट आसान हुआ
भारतीय रिजर्व बैंक ने फास्टैग और NCMC को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल किया
RBI updates Fastag Information – 22 अगस्त 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए फास्टैग (fastag) और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल करने की घोषणा की। इस कदम से इन दोनों पेमेंट इंट्रूमेंट्स के उपयोगकर्ताओं को नई सुविधा प्राप्त होगी, जो उनके लेन-देन को और भी आसान और सुविधाजनक बनाएगी। फास्टैग अकाउंट में पैसे कम होने पर अकाउंट से ऑटोमैटिक डेबिट होगा अमाउंट।
नया ई-मेंडेट फ्रेमवर्क: प्रमुख विशेषताएँ
- स्वचालित पेमेंट प्रबंधन: अब फास्टैग और NCMC के उपयोगकर्ता को अपने वॉलेट में पैसे भरने की बार-बार आवश्यकता नहीं होगी। ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत, जब भी इन पेमेंट इंट्रूमेंट्स में अमाउंट तय लिमिट से कम होगा, पैसे सीधे कस्टमर के खाते से कटकर वॉलेट में जोड़ दिए जाएंगे।
- समय सीमा की छूट: नए नियमों के अनुसार, फास्टैग और NCMC के पेमेंट्स के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं होगी। यह सुविधा यूजर को बिना किसी समय सीमा की चिंता किए पेमेंट करने की स्वतंत्रता प्रदान करेगी।
- प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता नहीं: पहले के नियमों के तहत, पेमेंट से 24 घंटे पहले प्री-डेबिट नोटिफिकेशन देना आवश्यक था। अब, इस नई सुविधा के साथ, प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
फास्टैग और NCMC का बढ़ता उपयोग
आरबीआई ने बताया कि फास्टैग और NCMC के उपयोग में तेजी से वृद्धि हो रही है। पहले, फास्टैग और NCMC वॉलेट्स में पैसे कम होने पर यूजर को अपने खाते से पैसे ऑनलाइन भरने की आवश्यकता पड़ती थी। अब, ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत, यह समस्या समाप्त हो जाएगी और यूजर को पहले से राशि तय करने की सुविधा मिलेगी। RBI updates Fastag Information in hindi
फास्टैग की जानकारी – क्या है Fastag खरीदने के तरीके
- क्या है फास्टैग: फास्टैग एक RFID टैग या स्टिकर है जो वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह टोल प्लाजा पर लगे कैमरों द्वारा स्कैन किया जाता है, और टोल फीस स्वतः वॉलेट से कट जाती है। इससे वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रुकना नहीं पड़ता और यात्रा सुगम बनती है।
- फास्टैग खरीदने के तरीके: फास्टैग को देश के किसी भी टोल प्लाजा से या प्रमुख बैंकों की शाखाओं जैसे एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक, SBI, और कोटक बैंक से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा, पेटीएम, अमेज़न और गूगल पे जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी इसे खरीदा जा सकता है।
- क्या होती है फास्टैग की वैलिडिटी: फास्टैग स्टिकर की वैलिडिटी 5 साल की होती है। 5 साल बाद, यूजर को स्टिकर बदलवाना या इसकी वैलिडिटी बढ़वानी पड़ती है।
निष्कर्ष
आरबीआई का यह कदम फास्टैग और NCMC के उपयोगकर्ताओं को नई सुविधाओं और सुधारित अनुभव के साथ पेमेंट प्रोसेस को आसान बनाने में सहायक साबित होगा। इस बदलाव से न केवल समय की बचत होगी बल्कि उपयोगकर्ताओं को पेमेंट ट्रांजैक्शन में भी अधिक सुविधा मिलेगी।