PM Narendra Modi ने की घोषणा Lal Krishna Advani को भारत रत्न
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्णा आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की. आइये जानते हैं कौन है लाल कृष्णा आडवाणी (unknown-facts-of-lal-krishna-advani-bharat-ratn) लाल कृष्ण आडवाणी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने भारत के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जबकि उनके जीवन और करियर के कुछ पहलू प्रसिद्ध हैं, उनके बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य हैं:
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में पढ़ाई की और बाद में बॉम्बे (अब मुंबई) के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की।
पत्रकारिता करियर:
राजनीति में प्रवेश करने से पहले, आडवाणी ने कुछ समय के लिए पत्रकारिता में भी काम किया। उन्होंने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) समर्थक साप्ताहिक ‘ऑर्गनाइज़र’ के संपादक के रूप में काम किया, जिसने उनकी वैचारिक नींव को आकार देने में भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ाव:
आडवानी का हिंदू राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस से पुराना नाता रहा है। वह 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए और बाद में संगठन के प्रचारक बन गये।
राजनीतिक यात्रा:
आडवाणी का राजनीतिक करियर तब शुरू हुआ जब वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ (बीजेएस) के सदस्य बने।1977 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार के गठन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रथ यात्रा और अयोध्या आंदोलन:
आडवाणी के राजनीतिक करियर के निर्णायक क्षणों में से एक 1990 में रथ यात्रा थी, जिसके दौरान उन्होंने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्थन जुटाने के लिए पूरे भारत की यात्रा की। इस आंदोलन ने भाजपा के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री:
आडवाणी ने 2002 से 2004 तक प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अधीन भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 1998 से 2004 तक गृह मंत्री के पद पर रहे और भारत की आंतरिक सुरक्षा नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विवाद: (unknown-facts-of-lal-krishna-advani-bharat-ratn)
अपनी राजनीतिक उपलब्धियों के बावजूद, आडवाणी विवादों में रहे हैं। आपातकाल और अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान अपनी टिप्पणियों के लिए उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
Lal Krishna Advani आत्मकथा:
2008 में, आडवाणी ने “माई कंट्री, माई लाइफ” शीर्षक से अपनी आत्मकथा जारी की, जिसमें उनकी राजनीतिक यात्रा, वैचारिक मान्यताओं और आधुनिक भारतीय राजनीति को आकार देने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
लाल कृष्ण आडवाणी के जीवन के ये कम-ज्ञात पहलू उनके बहुमुखी व्यक्तित्व और राजनीतिक विरासत की अधिक व्यापक समझ में योगदान करते हैं।