साइलेंट हार्ट अटैक: लक्षण, जोखिम और बचाव के उपाय
silent-heart-attack-ke-symptoms-aur-bachav – अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, हर 5 में से 1 हार्ट अटैक बिना किसी वार्निंग के आता है, जिससे समय पर मेडिकल हेल्प मिलना मुश्किल हो जाती है और इसके गंभीर परिणाम होते हैं ।यह समझना बेहद जरूरी है कि:
- साइलेंट हार्ट अटैक से पहले शरीर के क्या संकेत देता है?
- साइलेंट हार्ट अटैक क्यों आता है?
- इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं?
साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत:
हमारा शरीर बेहद जटिल और बुद्धिमान मशीनरी है, जो छोटी से छोटी समस्या पर भी हमको संकेत देता है। एक मच्छर के काटने पर जब शरीर हमे संकेत देता है तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या का संकेत मिलना भी स्वाभाविक है।
हालांकि, साइलेंट हार्ट अटैक में लक्षण उतने स्पष्ट नहीं होते जितने कि सामान्य हार्ट अटैक में। फिर भी शरीर कई बार अलार्म बजाता है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए:
READ MORE पेट की गैस से पाएं छुटकारा : 7 तरीकों से नहीं होगी गैस
- बेचैनी महसूस होना: यह एक प्रमुख लक्षण है। अगर बिना किसी कारण के बेचैनी हो रही है, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
- फ्लू जैसे लक्षण: कई बार साइलेंट हार्ट अटैक में फ्लू जैसा महसूस होता है, जैसे बुखार या कमजोरी।
- सीने में जलन और अपच: अपच, मतली या उल्टी जैसी समस्याएं भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।
- सांस लेने में कठिनाई: अचानक सांस लेने में दिक्कत आना भी एक गंभीर संकेत हो सकता है।
- सीने, पीठ, जबड़े या बांह में दर्द: इन जगहों पर असहजता या दर्द महसूस होना हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
- अत्यधिक थकान: बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज्यादा थकान महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।इसे नज़रअंदाज़ न करें
साइलेंट हार्ट अटैक के जोखिम कारक:
अक्सर लोग कहते हैं कि वो जिम जाते हैं, वो बिलकुल हेल्थी है। लेकिन कुछ लोग जिनका शरीर बाहर से स्वस्थ दिखता है, वे भी साइलेंट हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं। silent-heart-attack-ke-symptoms-aur-bachav
- अधिक वजन: मोटापा हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण है। खासकर जो लोग शारीरिक गतिविधियों में कम रुचि रखते हैं।
- शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम न करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेसर के मरीज़ो का हार्ट ज़्यादा काम करता है, ये एक्स्ट्रा प्रेसर हार्ट नहीं झेल पाता, जिससे हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ जाता है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल: ब्लड में ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल जमा होने से दिल की नसों में ब्लॉकेज हो सकता है।
- अत्यधिक नमक और अस्वस्थ भोजन: बहुत अधिक नमक और फैट से भरपूर भोजन हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। हो सके तो आज ही इस आदत को छोड़ें
- हाई ब्लड शुगर और तनाव: मधुमेह और अधिक तनाव हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं।
- धूम्रपान: तंबाकू के सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
READ MORE 27 साल के युवक की हार्ट अटेक से मौत – हार्ट अटेक से कैसे बचें
साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के उपाय:
अच्छी आदतें हमारी सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती हैं। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं, जो साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव में मददगार हो सकते हैं:
- नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- संतुलित आहार लें: फल, सब्जियां, और फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करें। नमक और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें।
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें: तंबाकू और शराब के सेवन से दिल पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए इनसे बचें।
- वजन नियंत्रित रखें: अपने शरीर का वजन हेल्दी रेंज में बनाए रखें।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचने के लिए समय-समय पर चेकअप कराएं।
- भरपूर नींद लें: सही मात्रा में नींद लेने से शरीर को आराम मिलता है और दिल की सेहत बनी रहती है।
नियमित स्वास्थ्य जांच का महत्व:
50 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को हर 6 महीने में एक बार कम्प्लीट बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य की जानकारी समय रहते मिल जाती है और गंभीर बीमारियों का पता जल्दी चल सकता है।
निष्कर्ष:
साइलेंट हार्ट अटैक का जोखिम हर किसी के लिए होता है, इसलिए शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित चेकअप के जरिए हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है।