नोएडा में महिला डॉक्टर साइबर ठगों का शिकार, 60 लाख की ठगी
Cyber Crime Digital House Arrest Scam Explained – उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक महिला डॉक्टर साइबर ठगों का शिकार हो गईं। साइबर ठगों ने महिला डॉक्टर को दो दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखा और उनसे 60 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस के अनुसार, साइबर ठगों ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताते हुए फर्जी गिरफ्तारी वॉरंट की धमकी दी और महिला डॉक्टर को पैसा ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
इससे पहले, लखनऊ के गोमतीनगर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां हिंदी के मशहूर कवि और साहित्यकार नरेश सक्सेना को साइबर ठगों ने नकली CBI अधिकारी बनकर डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया। ठगों ने 6 घंटे तक नरेश सक्सेना को एक कमरे में बंद रखा और उनसे जरूरी दस्तावेज और बैंक अकाउंट की जानकारी हासिल कर ली। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने समय पर पहुंचकर उन्हें ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में देश में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई। भारतीय बैंकों ने पिछले एक दशक में धोखाधड़ी के 65,017 मामलों की जानकारी दी है, जिसके कारण कुल 4.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है?
साइबर ठगों द्वारा किए जाने वाले इस नए प्रकार के स्कैम में, ठग लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके, AI जनरेटेड वॉयस या वीडियो के जरिए फंसाते हैं और खुद को पुलिस अधिकारी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या कस्टम अधिकारी बताते हैं। साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि ठग पीड़ितों से कहते हैं कि आपने चाइल्ड पोर्न देखा है या किसी ड्रग्स बुकिंग के मामले में आपके आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर का इस्तेमाल हुआ है।
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Cyber Crime Digital House Arrest Scam Explained – इसके बाद, ठग पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वीडियो कॉल पर पूछताछ के लिए कहते हैं। अधिकांश मामलों में, ठग अपना एक पुलिस स्टेशन जैसा सेटअप बनाकर पुलिस की वर्दी पहने होते हैं, जिससे सब कुछ असली लगता है। ठग लोगों को धमकी देते हैं कि अगर उन्होंने पूरी जांच के दौरान अपने परिवार या दोस्तों को इसके बारे में बताया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस तरह साइबर अपराधी डिजिटल स्पेस में लोगों को घंटों तक हिरासत में रखते हैं।
डिजिटल हाउस अरेस्ट से कैसे बच सकते हैं?
किसी भी तरह के स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी है सतर्क और सचेत रहना। नोएडा पुलिस ने नागरिकों को ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ से बचाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि जब भी आपको ऐसे कॉल या मैसेज आएं तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट में चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। पीड़ित लोग ऐसी घटनाओं की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी कर सकते हैं।
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साइबर क्राइम के नए तरीकों को लेकर अपडेट रहना बहुत जरूरी है। साइबर क्रिमिनल हर रोज ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, इस साल अप्रैल माह तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गईं हैं। इन्हीं शुरुआती चार महीनों में साइबर क्रिमिनल्स ने 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। इसमें इन्वेस्टमेंट स्कैम, ट्रेडिंग स्कैम, डिजिटल फ्रॉड स्कैम और ऑनलाइन ठगी के अन्य तरीके शामिल हैं। इसलिए इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्क और सावधान रहें।
कॉल को वेरिफाई जरूर करें
अगर पुलिस, CBI, NCB या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का हवाला देकर कोई अज्ञात नंबर से कॉल करता है तो सावधानी बरतें। कॉल की पुष्टि के लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर संपर्क करें। बिना पुष्टि के किसी तरह की जानकारी शेयर न करें।
अनजान नंबर पर रुपये ट्रांसफर न करें
ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन पेमेंट के लिए फोन करके दबाव नहीं डालती है। अगर कोई आपसे तत्काल रुपये ट्रांसफर के लिए दबाव डालता है तो सावधान रहें। इस तरह के अधिकांश कॉल फ्रॉड होते हैं। बिना वेरिफिकेशन के कोई भी भुगतान न करें।
Cyber Crime ki complaint kaise kare?
अगर आपको ऐसी कोई कॉल या मैसेज आता है, जिसमें डरा-धमकाकर पैसे की मांग की जाती है तो इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर ‘चक्षु पोर्टल’ लॉन्च किया है। इसके अलावा, आप http://www.cybercrime.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।