21/11/2024

UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम क्या है? UPI स्कैम से बचने के तरीके

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UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम: क्या है और कैसे बचें?

upi-auto-pay-request-scam-fraud -डिजिटलाइजेशन के युग में ऑनलाइन लेन-देन ने लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इस बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2024 में भारत में UPI के माध्यम से 1,443 करोड़ लेन-देन हुए, जिसमें कुल 20.64 लाख करोड़ रुपए का ट्रांसफर किया गया।

हालांकि, UPI के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। हाल ही में एक नया स्कैम सामने आया है जिसे ‘UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम’ कहा जा रहा है। इस स्कैम में, धोखेबाज UPI यूजर को एक ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजते हैं, और जैसे ही यूजर इसे मंजूरी देता है, पैसे सीधे धोखेबाज के खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं।

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UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम क्या है?

NPCI ने जुलाई 2020 में ‘UPI ऑटो-पे’ फीचर लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य मासिक खर्च जैसे मोबाइल रिचार्ज, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट, लोन, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट या OTT सब्सक्रिप्शन को स्वचालित रूप से चुकाना है। इस फीचर से यूजर को पेमेंट का समय और तारीख सेट करना होता है, जिससे लेट फीस या जुर्माने से बचा जा सकता है। upi-auto-pay-request-scam-fraud

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इस स्कैम में धोखेबाज UPI यूजर को झूठी जानकारी देते हुए एक ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजते हैं। यह रिक्वेस्ट आमतौर पर उन कंपनियों के नाम पर आती है जो नियमित रूप से पैसे एकत्र करती हैं। यूजर अक्सर इस रिक्वेस्ट को वास्तविक समझकर मंजूरी दे देते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।

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UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट स्कैम से कैसे बचें?

UPI के उपयोग में सतर्कता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में UPI फ्रॉड के 95,000 से अधिक मामले सामने आए। इन स्कैम्स से बचने के लिए:

सतर्क रहें: किसी भी असामान्य या संदिग्ध रिक्वेस्ट को स्वीकृत करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करें।

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नॉर्टन जिनी ऐप का उपयोग करें: यह ऐप ईमेल, सोशल मीडिया और टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से प्राप्त धोखाधड़ी वाले मैसेज से बचाने में मदद करता है।

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UPI ID की सुरक्षा: UPI ID में आमतौर पर फोन नंबर होता है, जिसे साइबर क्रिमिनल्स चुरा सकते हैं। अपने फोन और लैपटॉप को सुरक्षित नेटवर्क से कनेक्ट करें और अनजान वेबसाइट्स या ऐप्स पर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करने से बचें।

सिक्योरिटी सेटिंग्स: अपने फोन में लॉक स्क्रीन पासवर्ड और नियमित UPI पिन बदलें। ट्रांजैक्शन की नियमित जांच करें और अनवांटेड ऐप्स से दूर रहें।

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साइबर क्रिमिनल्स UPI फ्रॉड को कैसे अंजाम देते हैं?

साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, धोखेबाज आमतौर पर यूजर को कॉल करके खुद को बैंक प्रतिनिधि या पेमेंट ऐप के कस्टमर केयर अधिकारी के रूप में पेश करते हैं। वे वेरिफिकेशन के नाम पर यूजर से व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं और फिर उन्हें धोखाधड़ी के लिए प्रेरित करते हैं। इसके बाद, वे किसी एप्लिकेशन जैसे AnyDesk या ScreenShare को डाउनलोड करने के लिए कहते हैं, जिससे वे यूजर के फोन की जानकारी चुरा सकते हैं और UPI अकाउंट से लेन-देन कर सकते हैं।

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साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग और सहायता

यदि आपको UPI फ्रॉड का शिकार बनते हैं, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।

डिजिटल लेन-देन में सतर्कता और सावधानी रखकर आप अपनी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं। 

https://www.npci.org.in/what-we-do/upi/dispute-redressal-mechanism

 

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